फ्रांस ने नया राष्ट्रपति चुन लिया, नेपोलियन के बाद ऐसा पहली बार हुआ
रांस की जनता ने आखिरकार एमैनुलल मैकरॉन को अपना राष्ट्रपति चुन लिया और मैरीन ली पैन को हार का मुंह देखना पड़ा।
रांस की जनता ने आखिरकार एमैनुलल मैकरॉन को अपना राष्ट्रपति चुन लिया और मैरीन ली पैन को हार का मुंह देखना पड़ा।
फ्रांस की सियासत में दशकों बाद ऐसा उलटफेर हुआ है। नेपोलियन के बाद पहली बार 39 साल का युवा फ्रांस की बागडोर संभालेगा। फ्रांस की जनता ने आखिरकार एमैनुलल मैकरॉन को अपना राष्ट्रपति चुन लिया और मैरीन ली पैन को हार का मुंह देखना पड़ा । मैकरॉन की इस विजय को फ्रांस की सियासत पर नज़र रखनेवाले “ट्रंप विचारधारा” की हार मान रहे हैं। दरअसल मैरीन ने ट्रंप के अंदाज़ में ही अपना चुनाव प्रचार किया, ट्रंप की तरह ही वो यूरोपीय संघ से दोस्ती के खिलाफ थीं। उन्हें राइट विंग विचार का नेता माना जाता था, जबकि मैकरॉन को मैरीन की तुलना में उदारवादी नेता माना गया। मैरनी ने कड़ी टक्कर दी लेकिन आखिर में हार मान लिया। हारने के बाद उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि वो मैकरॉन को बधाई देती हैं। ‘जनता ने इस बार भी निरंतरता को चुना है यानि जनता फिलहाल नीतियों में क्रांतिकारी बदलाव नहीं चाहती है।‘ एमैनुअल की जीत से यूरोप के बाकी देश भी राहत महसूस कर रहे हैं। अब वो ईयू और फ्रांस के बीच अच्छे संबंध की कल्पना कर सकते हैं। एमैनुअल और ट्रंप में बस एक समानता है। दोनों पहली बार चुनावी सियासत में उतरे और सीधे अपने देश के राष्ट्रपति बन गए। फ्रांस की जनता 39 साल के नेताओं पर इतनी बड़ी बाजी नहीं खेलती है। लेकिन इस बार फ्रांस ने वो किया जो नेपोलियन के बाद नहीं हुआ। अब एमैनुअल के कंधे पर अपने देश की जिम्मेदारी है, उन्हें फ्रांस की अर्थव्यवस्था और प्रतिष्ठा दोनों को पटरी पर लाना है। उम्मीद है वो अपने पूर्व के राष्ट्रपति से भी सबक लेगें और उस नेपोलियन से भी जो कभी फ्रांस की जनता का चैंपियन था।